आदि, अंत और अनंत – धनुषकोडी
सं 1964 तक धनुषकोडी एक फलता फूलता मछुआरों का गांव हुआ करता था| 1964 में आए एक तूफान ने इस गांव को उजाड़ दिया और साथ में इस गांव को रामेश्वरम से जोड़ने वाला रेलवे ट्रैक, ट्रैन और उसके डब्बे तक उड़ा कर ले गई|
2 Comments
October 12, 2017